!!श्री!!
1) काई भी पुजा सुर्योदय से सुर्यास्त होती है।
2) यदि आप नासिक मे कोई भि पुजा करना चाहते है तो अपने
गाव के पुरोहीत के साथ हमसे भि सलाह ले ता की आपको असुविधा ना हो।
3) घरेलु जानवर का कर्म हो सकता है। पर उसके नियम अलग है।
( विधि जाननेके लिये मेल करे)
4) ये कर्म केवल जलाने के बाद ही हो सकतो है।
5) दात आने के बाद जलाये व 17 वर्ष के उपर के व्यक्ती का संपुर्ण कर्म कराये।
6) मरने के बाद ही ये कर्म हो सकता है. अपने जिंदेपन मे अपना ही कर्म नही हो सकता।
7) गुजरने के दिन से पहला दिन पकडे ना की जलाने के दिन से।
8) पेहेले दिन के कपडे पहन कर ही पुजा मे बैठे। (सिर्फ घरके लोक)
9) काले या हरे रंग के कपडे पुजा के वक्त न पहने।
10) चमडे की चिजे पुजा के वक्त न पहने।
11) सफेद रंग के कपडे पुजा के लिये सबसे अच्छे माने जाते है।
12) कोई भि पुजा के लिये अपने कुटुंब के पुराने नाम देख कर ही पुजा कराई जायेगी।
13) अगर पुराने नाम न मिले तो नये नाम लिखने की व्यवस्था है।
14) पुजा की सर्व सामुग्री गंगा जि पे ही मिलेगी।
15) यजमान का जनया संस्कार न हुवा हो तो कच्या जनया पेहनाया जायेगा।
16) पेहेले दिन पहना हुवा जनया संभाले लेकिन गुम हो जाये तो चिंता न करे नये जनया की व्यवस्था की जायेगी।
17) ग्यारवे दिन दाडी और बाल बनाना आवश्यक है।
(लेकिन ये नियम अपने से बडे लोगों के लिये लागु है. अगर गुजर जाने व्यक्ति अपने से छोटि उम्र की हो तो दाडी और बाल न बनाये.)
18) माता या पिता या दोनो अगर जिंदा हो और आप अन्य परिजनों का कर्म करना चाहते है तो केवल दाडी ही बनाये बाल नही।
19) घर मे अगर पाठसाब रखा है तो जो पींडी पाने वाले हो वही दाडी और बाल देंगे और कोई नही।
(लेकिन ये नियम गरूड पाठ के लिये लागु नही होगा.)
20) दाडी बाल बनाने के बाद स्नान करे और पुजा के बाद भि।
21) दिया बुझ जाना या खाट पे गुर्जर जाना या मरण के वक्त कोई भि दोष हुवा हो तो नारायण बली और विद्य तर्पण से सर्व दोष नष्ट होते है।
22) दसवे का कर्म दसवे दिन और ग्यारवे का कर्म ग्यारवे कराना सर्वोत्तम है।
23) दसवे दिन से पेहेले केवल गोराप्रवाह ही किया जायेगा।
24) यदि आप सारा कर्म एक ही दिन मे करना चाहते है तो ग्यारवे मे दिन आये।
25) ग्यारवे दिन दसवा हो सकता है लेकिन दसवे दिन ग्यारवा नही हो सकता।
26) अपमृत्यु (आत्महत्या आपघातादी) के लिये शुध्द नारायण बलि पुजा कराना आवश्यक है।
27) पींड दान दक्षिण दिशा मे तो नारायण बलि पुजा पुर्व दिशा मे कराई जायेगी।
28) पुजा के बाद कम से कम दो महिने विसि की दक्षिणा लिई जाती है।
29) पुजा के बाद एक ही वक्त भोजन करे। (बिना प्याज/लसुन का)
30) बिना प्याज लसुन का भोजन गंगाजि पे हि मिलेगा।
31) 12 दिन से पेहेले आपसे किसि भि प्रकार का पका हुवा भोजन या अन्न पदार्थ लिये नहि जायेंगे।
32) यदि आप खट्टा और मिठा दान देना चाहते हो तो दहि और पेढा ले आये आचार्य नाम के पंडित कि व्यवस्था कराई जायेगि।
हमारे काम काज का समय 8:00 से 15:00 बजे तक है.